मुंबई:ACB महाराष्ट्र ने भुजबल पर कार्रवाई करते हुए जिस तरह से उनपर क़ानून का शिकंजा कसते हुए मामला ED के सुपुर्द किया वहां पैसों की कालाबाज़ारी जमकर की गई है।लेकिन यह कालाबाज़ारी भुजबल ने मुंबई में ही रहकर अंजाम दिया है और इसका कनेक्शन मुंबई पूणे नागपुर और कोलकाता से है।इसी लिए इस मामले को ED को सौंपा गया है क्योंकि काले पैसों का लेनदेन बड़े पैमाने पर हुआ और उसे सफ़ेद करने के लिए कोलकाता की कंपिनयों से साठगांठ की गई है।इस साठगांठ का खुलासा ACB की कार्रवाई में हुआ है।यह बहुत ही दिलचश्प खेल है भुजबल के ज़रिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने का जो कि भारत में रहकर ही किया गया है।
करप्शन के काले पैसों को कैसे व्हाइट किया गया यह जानना बेहद ज़रूरी है लेकिन इससे ज़्यादा जानना ज़रूरी है कि देश की जांच एजेंसियों की आँखों मे धूल झोककर किस तरह से करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार करके भुजबल ऐंड कंपनी नें हज़म करलिया और इसकी भनक किसी को नहीं हुई वह अलग बात है कि इन सब मामलों की जब जांच हुई तो जो बातें खुल कर सामने आईं वह चौंकाने वाली थीं।
ब्लैक मनी को व्हाइट करने का भुजबल फंडा
दर असल छगन भुजबल के भ्रष्टाचार के पैसे थे उसे अपनी कंपनी में जमा करने के लिए भुजबल ने कोलकाता में बैठे ब्लैकमनी को व्हाइट करने वालों से संबंध बनाने के बाद कोलकाता मे मौजूद कंपनियों को कैश पैसे दिए इन कंपनियों नें भुजबल की कंपनियों के शेयर खरीदे और उसके पैसे की अदाएगी बाकायदा चेक से हुइ। भुजबल की कंपनियों के शेयर की बाज़ार मे क्या कीमत थई यह माने नहीं रखता था क्योंकि काले पैसों को अपनी कंपनी में जमा करना था इसलिए अपनी कंपनी के कौड़ी के भाव के सस्ते शेयर को बहुत ही महंगे मे बेचा और यह खरीदार कोलकाता के थे जिन्होंने इस शेयर को खरीदा उन्होंने उसकी अदाएगी चेक से की जिन लोगों ने चेक देकर शेयर की खरीदी की ऐसे लोगों को पहले ही भुजबल की ब्लैक मनी दे दी गई और उसे व्हाइट करने के लिए उसके सस्ते शेयर को महंगे मे बेचकर उसकी अदागएगी चेक से करवाई गई ताकि किसी की नज़र मे ना आए।
काले धन का कोलकाता भारत का स्वीज़रलैंड
दर असल आज के दौर में विदेशों में पैसे भेजकर उसे वापस मंगाना एक मुश्किल प्रक्रिया है इसलिए भारत में रहकर ही कोलकाता में पैसे पहुंचाए जाते हैं और वहां पर मौजूद सैंकड़ों कंपनिया शेयर खरीदने के नाम पर काले पैसों की अदाएगी चेक से कर ब्लैक मनी को व्हाइट करती हैं।ऐंटी करप्शन ब्युरो की छानबीन में ऐसी सैंकडों कंपनियों का खुलासा हुआ है जो सस्ते शेयर को महंगे में खरीदकर चेक से अदाएगी करती हैं।ताकि रिकार्ड पर काला पैसा सफेद होजाए।हालांकि जो कंपनियां और जो लोग इस शेयर को खरीदते हैं उनकी आर्थिक स्तिथि बहुत ही बेकार होती है लेकिन इस गोरख धंधे को बढाने के लिए वह सामने आते हैं और इसके बदले में उन्हें कमीशन दिया जाता है।
काला धन का मामला देख ACB ने ED को किया आगाह
ACB की छानबीन में इस बात का खुलासा हुआ है कि भुजबल ऐंड कंपनी के अलावा मुंबई और देश के कई हाई प्रोफाइल हस्तियों ने काले धन को सफेद करने के लिए कोलकाता जैसे शहर का रुख किया जहां बडे पैमाने पर इस गोरख धंधे को अंजाम दिया जाता है।काला धन का मामला देख ACB ने ED को आगाह किया जिसके बाद ED ने अपनी तफ्तीश जारी करदी और अबतक ED के शिकंजे में तकरीबन 17 कंपनिया कैद हो चुकी हैं जिनकी भुजबल के काले धन को सफेद करने के इस गोरख धंधे में अहम भूमिका रही है।
हवाले के ज़रिए काले धन का ट्रांस्फर
दर असल भारत के किसी भी शहर में मौजूद विशेष रूप से आर्थिक राजधानी मुंबई में कैश रूपए और काले धन को सबसे पहले हवाले के ज़रिए कोलकाता भेजा जाता है।वहां पर मौजूद लोग उस कैश पैसे को कोलकाता में मौजूद उन कंपनियों के मालिकों को या उन लोगों को देते हैं और बदले में उसके उनसे उतने ही रूपए का चेक लेते हैं।उस चेक को उसी कंपनी में जमां करते हैं जिस कंपनी में काला धन रखने वाला अपने पैसे को सफेद करता है और उसी कंपनी के सस्ते शेयर महंगे में बेचकर बांटे गए काले धन को इकट्ठा करते हैं।और इसके बदले में चेक देने वाले लोग या चेक देने वाली कंपनी को तीन से दस प्रतिशद कमीशन दिया जाता है यह कमीशन काले धन को सफेद करने के एवज़ लिया जाता है।
ED ने 17 कंपनियों पर कसा शिकंजा
ED मुंबई के संयुक्त निदेषक सत्त्यबरत कुमार ने बातचीत में बताया कि ED की छानबीन में अबतक 17 कंपनियों पर कानून का शिकंजा कसा जा चुका है।उन कंपनियों की जांच चल रही है इसलिए उन कंपनियों का नाम ज़ाहिर नही किया गया क्योंकि इससे जांच प्रभावित होगी।लेकिन जांच का दायरा जैसे जैसे सख्त होते जाएगा कोलकाता की कई कंपनियों पर ED शिकंजा कसेगा।फिलहाल जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्लैक ऐंड व्हाइट के इस गोरख धंधे में सैकड़ों कंपनियां शामिल हैं जिनकी गंभीरता से जांच जारी है।
कोलकाता काला धन का सब से बड़ा अड्डा
भुजबल के ज़रिए काला धन को सफेद करने का मामला बेनक़ाब होने के बाद जहां ED ने अपने कान खड़े किए और जांच जारी करदी वहीं इस छानबीन मे इस बात का खुलासा हुआ है कि देश के कई हाई प्रोफाइल लोगों ने कोलकाता को ही काला धन को सफेद करने का अड्डा बना लिया है।सबसे खास बात यह है कि देश के अंदर ही काले पैसे को सफेद करने में कोलकाता में किसी तरह की पकड़ धकड़ भी नहीं होती।और सारे पैसे क़ानूनी होजाते हैं वह भी सुबूत के साथ।
मुंबई पूणे और नागपुर के व्यापारी और सीए शामिल
भुजबल के काले पैसे को सफेद करने के लिए मुबंई नागपुर और पूणे के व्यापारी और सीए शामिल हैं यह काले धन को सफेद करने की गणित जानते हैं।इन लोगों ने भुजबल के काले पैसे को सफेद करने के लिए मुंबई से कोलकाता हवाले के ज़रिए करोडों रूपए भेजे और कोलकाता में ही ऐसे लोगों के नाम पर कंपनी खोल कर भुजबल की कंपनियों के शेयर खरीदे।ACB की टीम जब जांच करने नागपुर पहुंची और उन कंपनियों की जांच करने लगी जिन्होंने भुजबल की कंपनियों के शेयर खरीदे तो उन कंपनियों के डायरेक्टर के पते फर्जी निकले।इनमें आटो रिकशा वालों के नाम पर भी फर्ज़ी कंपनिया खोली गई हैं।
नागपुर,पुणे,और मुंबई के व्यापारियों में मची खलबली
छानबीन जैसे ही आगे बढ़ी और ACB की टीम ने जैसे ही भुजबल के इन काला धन को सफेद करने वाले गणित गुरूओं का चेहरा बेनक़ाब करने लगी तो नागपुर,पुणे,और मुंबई के सीए और व्यापारियों में खलबली मच गई और जांच अधिकारियों को धमकी भी आने लगी लेकिन इसके बाद यह मामला ED को सौंप दिया गया।जिसके बाद नागपुर,पुणे,और मुंबई के व्यापारी और सीए बिल में घुस गए।
फिलहाल इस मामले की छानबीन ED कर रही है लेकिन सवाल सबसे बड़ा यह है कि क्या काला धन को सफ़ेद करने के लिए केवल भुजबल ने ही या और भी कई हाई प्रोफाइल हस्तियों ने अपनाया है।यह साफ़ होगया है कि अगर ED ने इस मामले मे गंभीरता से तहक़ीक़त की तो यकीनन ऐसे कई बडे चेहरे बेनक़ाब होंगे जिन्होंने काले धन को सफेद करने के लिए मुबंई के सीए और व्यापारियों की मदद से हवाले के ज़रिए करोडों अरबों रूपए कोलकाता पहुंचाए और वहां की फ़र्जी कंपनियों की मदद से अपनी कंपनियों में पैसे ट्रांस्फर करवा कर काले धन को सफ़ेद किया किया।
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