शाहिद अंसारी
मुबंई:यह मिसाल दी जाती है कि मुंबई पुलिस की चप्पे चप्पे पर नजर रहती है मिसाल हकीकत की कसौटी पर खरी उतरती है।दरअसल नजर वहां रहती हैं जहां से मलाई खाने की गुंजाइश नजर आती है या बिला वजह कहीं कानून का रुआब झाड़ना होता है।दर असल यह सिर्फ़ कहने की बात है हकीकत इसकी उलट है।और इस हक़ीक़त की सच्चाई यह जाहिर करती है कि पखमोड़िया सट्रीट में जाऊद की सील की हुई प्रापर्टी को किराए पर देना वहां होटल चलाना पुलिस का उसी होटल से देर रात तक और फुटपाथ पर धंधा करने के लिए उनसे रिश्वत वसूल करना और इससे गाफ़िल रहना कि जिस इस जगह को इक़बाल कासकर ने किराए पर दे रखा है उस जगह को असल में इंकम टैक्स ने सील किया हुआ था लेकिन दबंगई दिखाते इक़बाल कासकर ने उसे किराए पर दे रखा था और पुलिस को पता ही नहीं था।इस पूरी सच्चाई के पीछे पढ़ें BOMBAY LEAKS की पड़ताल।
मुंबई दंगों के बाद दाऊद इब्राहिम की प्रापर्टी को जब्त करने का सिलसिला शूरू हुआ हर प्रापर्टी के साथ दाऊद की इस प्रापर्टी को भी इंकम टैक्स ने सील किया लेकिन थोडे ही दिन बाद इक़बाल कासकर ने इसका ताला तोडा और इसे किराए पर दे दिया।इसमें होटल रौनक अफरोज चलती थी रौनक अफरोज का किराया 22000 हजार रूपए प्रति महीने था और यह पैसा इक़बाल कासकर अपनी जेब में रखता था।और रौनक अफ़रोज के बाद जब इकबाल कासकर नें देखा की स्थानी पुलिस और दूसरी एजेंसियां उसका खुछ नहीं बिगाड पा रहीं तो उसने दिल्ली जाएका होटल वालों को किराए पर दे दिया दिल्ली जाएका से इक़बाल कासकर 35000 रूपए प्रति माह लेता था।
लेकिन जूलाई साल 2013 में इसकी भनक इंकम टैक्स को होगई उन्होंने पूरे लाव लश्कर के साथ स्थानी पुलिस की मदद से इस होटल को सील करदिया।दिल्ली जाएका होटल वालों का यहां कारोबार जम गया।होटल दो लोगों ने पार्टनरशिप में शुरू किया था लेकिन यह पार्टनरशिप ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और दिल्ली जाएका के मालिक ने इसे अकेले ही चलाना शुरू किया।और होटल को नए सिरे से बना कर चलाना शूरू कर दिया।जैसे ही होटल को एक नई शकल मिली उसी दौरान यह होटल जूलाई 2013 को सील करदी गई।
किसने दी थी किराए पर
दर असल दाऊद और इक़बाल कासकर की जितनी भी जगहें इस तरह की हैं जो सील हुई हैं वह और जो नहीं सील हुई हैं उन्हें भी अब्दुल ग़नी मापले ऊर्फ़ गना चाचा नाम के शख़्स के जरिए उसे किराए पर दिया जाता है।चूंकी इक़बाल खुद सामने नहीं आता इसलिए इस तरह के सारे काम ग़नी मापले के जरिए किया जाता है।यह इक़बाल कासकर का ख़ासम ख़ास है पखमोडिया स्ट्रीट की यह जगह भी इसी ने इक़बाल कासकर के कहने पर सील तोड़कर किराए पर दी थी।
बग़ल में छोरा शहर में ढिंढोरा
इस पूरे मामले मे पुलिस की जो भूमिका रही वह सबसे ज्यादा शर्मनाक रही।जेजे मार्ग पुलिस थाने से बस चंद मिनट के फासले पर यह प्रापर्टी है पुलिस की जानकारी में होते हुए भी पुलिस ने इसकी रिपोर्ट इंकम टैक्स या दूसरी एजेंसियों को नहीं दी इंकम टैक्स को जब पता चला तो उन्होंने आकर दोबारा सील किया।तत्कालीन सीनियर पीआई और आजाद मैदान डिवीजन के एसीपी शशिकांत सुर्वे से जब BOMBAY LEAKS ने बात की तो सुर्वे ने यह बताने में लाचारी जाहिर की सुर्वे ने कहा उनको नहीं पता था कि यह जगह सील की हुई है जिसका सिल तोड कर भाडे पर दे दिया गया है।लेकिन जब इंकम टैक्स नें दुबारा इसे सील किया तो हमने अपनी रिपोर्ट उन्हें दी है लेकिन इस प्रापर्टी को किराए पर देने वाले या लेने वाले पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की।
क्या कहते हैं कानून के जानकार
सीनियर वकील आभा सिंह ने कहा कि दाऊद की जो भी प्रापर्टी को इंकम टैक्स ने सील किया है वह संगीन आरोपों के चलते सील की गई है दाऊद की जो भी प्रापर्टी सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद जब्त कर सील की है वह फेमा (FEMA) के तहेत जब्त की है यह एक संगीन मामला है कि दाऊद की प्रापर्टी जिस इलाके में भी जब्त कर सील की गई है उसपर पुलिस को नजर रखना और उसकी जानकारी रखना चाहिए और अगर इस दौरान कोई भी इस सील को तोड कर घुसपैठ करता है तो उसके खिलाफ पुलिस को मामला दर्ज कर उसे गिरफ़्तार करना चाहिए अगर पुलिस इस मामले में इक़बाल कासकर या जिसने सील की हुई जगह को किराए पर ले रखा है उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो यह पुलिस की लापरवाही और लाचारी की जीती जागती मिसाल है।ऐसे में उन लोगों के साथ साथ जिन्होंने सील तोडकर किराए पर दिया जिसने लिया और स्थानी पुलिस जिम्मेदार है और वह सब कार्रवाई के दाएरे में आते हैं।इस मामले की रिपोर्ट देना ही मात्र कार्रवाई नहीं बल्कि उन सब के खिलाफ़ FIR दर्ज कर उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।अपराधिक मामलों के वकील एजाज़ नक़्वी ने कहा कि जिसने भी अग्रिमेंट बनाकर सील की हुई जगह को किराए पर दिया या ताला तोडा यह सरकारी जगहों पर क्रिमनल ट्रेसपास है।उन सब के खिलाफ क्रिमनल ट्रेसपास के तहेत कार्रवाई करना चाहिए उन सब के ख़िलाफ़ गवरमेंट प्रापर्टी ऐक्ट और धोकाधड़ी के तहेत कार्रवाई कर उन सब को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।चूंकि इक़बाल कासकर का स्थानी पुलिस थाने में दबदबा रहता है इसलिए पुलिस उसपर मामला दर्ज करने से कतराती हैं।
इस मामले में ज्वाइंट सीपी ला ऐंड आर्डर देवेन भारती ने कहा कि चूंकि यह मामला पुराना होचुका है इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पहले वह स्थानी पुलिस थाने से चेक करेंगे उसके बाद ही कार्रवाई को लेकर कुछ जासकता है।
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One Comment
Rizwan Khan
Shahid Ansari sahab aapki news sach ka Aaina hai bekhauff hokar aap sach duniya ke saamne latay ho… Keep it up God bless you