शाहिद अंसारी
मुंबई : कोर्ट के आदेश के बाद ललिता सालवे को महराष्ट्र पुलिस ने जेजे हॉस्पिटल में आज मेडिकल टेस्ट के लिए नोटिस दी है। बीड़ के एसपी जी श्रीधर ने जेजे के हॉस्पिटल के डीन को पत्र लिख कर ललिता के लिंग बदलने के आवेदन पर मेडिकल टेस्ट के लिए जांच करने को कहा है। एसपी के इस पत्र के बाद जेजे हॉस्पिटल के डीन डा. नंदकर ने बीड़ के एसपी को पत्र लिख कर आज ललिता को मेडिकल टेस्ट के लिए जेजे हॉस्पिटल बुलाया है। बीड़ एसपी को लिखे गए इस पत्र में जेजे के डीन ने बताया कि स्त्रीरोग विभाग प्रमुख डा.अशोक आनंद की मौजूदगी में सात सदस्यों की टीम ललिता की जांच करेगी। Bombay Leaks से बात करते हुए बीड़ के एसपी जी श्रीधर ने यह जानकारी दी है।
बीड़ की महिला कांस्टेबल ललिता सालवे उस वक्त प्रकाश में आई जब उन्होंने सेक्स चेंज की मांग को लेकर बीड़ एसपी से एक महीने की छुट्टी मांगी थी। Bombay Leaks ने सब से पहले ललिता की इस अर्ज़ी को लेकर ख़बर प्रकाशित की जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस में हड़कंप मच गया।
इस बारे में ललिता के वकील डा. एजाज़ अब्बास का कहना है कि नौकरी के दौरान किसी का सेक्स माने नहीं रखता है उसका जेंडर और नौकरी का कोई रिश्ता ही नहीं होता और भर्ती के दौरान जेंडर को लेकर बात करना यह भी गलत है। फिज़िकल फिटनेस के लिए सायकॉलिजिकल टेस्ट लिया जा सकता है। जिससे पता चल सकता है कि उम्मीदवार का झूकाव किस तरफ़ है यह नियम है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस राधाकृष्णन के अनुसार यह इंसान के जाती अधिकारों का हनन करने के जैसा है इसके लिए महाराष्ट्र पुलिस को नियम 21 नहीं भूलना चाहिए। इस नियम पर अगर विचार किया जाए तो ललिता का मेडिकल टेस्ट गैर कानूनी है।
ललित साल्वे ने लिंग परिवर्तन का आपरेशन कराने के लिए एक महीने का अवकाश मांगा था लेकिन बीड़ पुलिस प्रशासन ने यह अनुरोध खारिज कर दिया था। ललिता चाहती है कि लोग अब उसे ललित नाम से बुलाएं। ललिता ने पिछले हफ्ते हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अवकाश की मंजूरी के लिए महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश देने की मांग की। साल्वे के वकील एजाज अब्बास ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील करते हुए न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती दांगरे की पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया।
न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने 11 पेज का आदेश जारी करते हुए मामले की सुनवाई करने के लिए ललिता को राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण जाने का आदेश दिया।’ याचिका के ललिता ने तीन साल पहले अपने शरीर में बदलाव महसूस किए और फिर चिकित्सा जांच कराई जिसमें पता चला कि उसके शरीर में वाई गुणसूत्र की मौजूदगी का पता चला। याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता ने बाद में सरकारी जेजे अस्पताल में मनोचिकित्सकों से काउंसलिंग कराई। डॉक्टरों को पता चला कि उसमें जेंडर डिस्फोरिया ऐबनॉर्मलिटी लैंगिक पहचान संबंधी विकार) है। यह कहते हुए उसे लिंग परिवर्तन के लिए ऑपरेशन कराने की सलाह दी और कहा कि अगर वह ऐसा चाहती है और उसका फैसला पक्का है तो वह ऐसा करा सकती है।’ इसके बाद ललिता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और ऑपरेशन कराने के लिए एक महीने की छुट्टी मांगी थी।
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