शाहिद अंसारी
मुंबई:इस समय मुंबई पुलिस कमिश्नर कौन बनेगा इसको लेकर कयास लगाया जा रहा है जबकि अहमद जावेद के बाद आईपीएस अधिकारी संजय बरवे का नाम इस रेस में सब से आगे है।लेकिन आज महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों के तबादले का जैसे ही आदेश दिया उसके बाद से ही पुलिस मुहकमे और मुंबई में हलचल मच गई।
दरअसल राज्य सरकार की ओर से चारूशीला तांबेकर सह सचिव गृह विभाग ने 5 पुलिस अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किया जिसमें उन्होंने चौथे नंबर पर आईपीएस अधिकारी एम.के.भोसले को मुंबई सीपी के ओहदे पर नियुक्त कर दिया।आदेश के बाद यह खबर जंगल की आग की तरह हर जगह फैल गई और हर एक यह सोचने पर मजबूर होगया कि डीसीपी रैंक के अधिकारी को आखिर राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस कमिश्नर कैसे बना दिया।इधर पवरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में कानाफूसी शूरू होगई।लेकिन जल्द ही शासन के कानों तक बात गई तो शासन को अपनी गलती का एहसास हुआ और शासन ने अपने इस आदेश में फेर बदल कर गलती को सुधारा।
मामला यह था कि आई.पी.एस अधिकारी एम.के.भोसले को मुंबई मे पुलिस उप आयुक्त बनाए जाना था और किस जगह नियुक्त करना है यह कमिश्नर के हाथों में था।लेकिन टाइपिंग की गलती की वजह से मुंबई पुलिस उप आयुक्त की जगह मुंबई पुलिस आयुक्त टाइप होगया।लेकिन शासन को अपनी गलती का एहसास हो चुका था और उन्होंने दूसरा आदेश जारी कर अपनी गलती सुधार ली।लेकिन ऐसे मे सवाल यह उठता है कि क्या टाईपिंग करने वाले क्लर्क के साथ साथ अधिकारी भी आदेश पर आँख बंद कर के दस्तखत करते हैं जो ऐसी बडी पोस्ट पर किसे नियुक्त करते हैं उसे चेक करना भी मुनासिब नहीं समझते।
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