Bombay Leaks Desk
मुंबई : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी पहुंच रखने वाली उर्दू साहित्य अकैडमी की महिला सदस्य कमरुन्निसा सईद ने Bombay Leaks द्वारा उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर जो ख़बर प्रकाशित की थी उस मामले में चच्ची चौथी पास ने मानहानि की शिकायत धार्मिक भावना स्पेशलिस्ट पुलिस थाने नागपाड़ा में एनसी (Non Cognizable Complain ) दर्ज कराने में कामयाबी हासिल की है।अब जल्द ही वह पत्रकार शाहिद अंसारी को उनकी सच्चाई उजागर करने और उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में ख़बर लिखने के मामले में फांसी के तख्ते पर लटका कर ही दम लेंगी।
दरअसल तीन महीने पहले कमरुन्निसा सईद ने नागपाड़ा पुलिस थाने में यह अर्ज़ी दी थी कि उनके चौथी पास होने की ख़बर से उनकी बदनामी हुई है इसलिए उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। जिसके बाद नागपाड़ा पुलिस थाने के इंस्पेक्टर विद्यासागर कालकुंद्रे ने उनकी एनसी दर्ज कर उन्हें खुश कर दिया।कालकुंद्रे ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने चच्ची की शिकायत पर कानूनी सलाहकार से मश्विरा लेकर एनसी दर्ज की है और नागपाड़ा पुलिस देगी उनका साथ क्योंकि वह हैं चच्ची चौथी पास।
इस बारे में पत्रकार शाहिद अंसारी ने बताया कि वह इस एनसी के दर्ज होने के बाद से चच्ची से भयभीत हो गए हैं लेकिन उन्होंने जो ख़बर लिखी है वह सच्चाई और तथ्यों पर आधारित है अगर चच्ची चौथी पास नहीं हैं तो वह इस बात का प्रमाण दें कि उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है वह ख़बर भी प्रकाशित की जाएगी।फिलहाल इस प्रकार से दर्ज हुई एनसी को लेकर वह जल्द ही कमरुन्निसा सईद की शिकायत प्रेस कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया में करेंगे ताकि इस तरह के अनपढ़ और चौथी पास लोग पत्रकारों की आज़ादी पर लगाम न लगा सकें।
वास्तव में कमरुन्निसा सईद के ज़रिए इस हरकत से साबित होता है कि पत्रकारों को सविंधान ने जो लिखने की आज़ादी दी है उसे वह छीनने की कोशिश कर रही हैं।जबकि होना यह चाहिए था कि चौथी पास होने की वजह से उर्दू अकैडमी की लोटिया डुबाने का जो काम वह कर रही हैं उन पर लगाम लगाई जा सके और सही तरह से योग्यता रखने वालों को ही अकैडमी की सदस्यता दी जाए ताकि उर्दू भाषा का उद्धार किया जा सके और इस सच्चाई को जनता जान सके ताकि उर्दू अकैडमी को तबाह होने से बचाया जा सके।दरअसल कमरुन्निसा सईद उर्दू साहित्य अकैडमी की चेयरमैन बनने का सपना देख रही थीं और चौथी पास की ख़बर जंगल की आग की तरह सब जगह फैल गई जिसकी वजह से उनका चेयरमैन बनने सपना टूट गया।
ध्यान रहे इस संदर्भ में और कई मामले जिन्हें जल्द ही Bombay leaks उजागर करने वाला है उसको लेकर कई लोगों ने अंसारी के सहयोगियों से ख़बर न लिखने के लिए दबाव बनाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।लेकिन Bombay leaks ने बड़ी बेबाकी से उनकी सच्चाईयों को अपने पाठकों के सामने रख रहा है ताकि उर्दू पढ़ने वाली जनता को इस बात की जानकारी मिल सके कि समाज सुधार का बेड़ा उठाने वाले असल में उर्दू और समाज दोनों के लिए कितना हानिकारक हैं।
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