शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई के MRA मार्ग पुलिस थाने में महाराष्ट्र स्टेट CID के दो पुलिस अफसरों पर फर्ज़ी हलफ़नामा बनाने, फर्ज़ी दस्तावेज़ बनाने, कोर्ट में फर्ज़ी रिपोर्ट जमा करने आरोपी के साथ मिलीभगत और साठगाठ कर पीड़ित के खिलाफ़ अपहरण का झूटा मामला दर्ज करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। जिन लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया है उनके नाम पुथेनवेदु जोसेफ़ , तत्कालीन CID अफसर एपीआई हरिभाऊ डी जाधव और पीआई सुधीर जी खेरनार है। हमने इस बारे में MRA मार्ग पुलिस थाने के सीनियर पीआई सुखलाल वर्पे से जब बात की तो उन्होंने चौंकते हुए कहा कि ऐसा कोई भी मामला उनके पुलिस थाने में नहीं दर्ज हुआ और जिसने दर्ज करने का आदेश दिया है उससे ही पूछो। जबकि Bombay Leaks के पास FIR की कॉपी मौजूद है।
शिकायतकर्ता जैनब रफिउल्लाह शेख ने बताया कि 21 अगस्त 2011 को आरोपी पुथेनवेदु जोसेफ़ ने फोर्ट में उनकी आफिस सिंह हाउस में अपने 9 साथियों के साथ घुस कर चोरी की। उन्हें इस बात की जानकारी जैसे हुई उन्होंने इसकी शिकायत 100 नंबर पर की और सथानी पुलिस थाने MRA मार्ग पहुंच गईं। पुलिस ने चोरी करने वाले सारे आरोपियों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने लाई लेकिन किसी भी आरोपी के खिलाफ़ मामला मामला दर्ज करने के बजाए उलटा महिला शिकायतकर्ता के ही खिलाफ झूटा माममा दर्ज कर के उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
MRA मार्ग पुलिस थाने की आरोपियों के साथ मिलीभगत को देख शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया जहां कोर्ट ने असल आरोपियों के खिलाफ़ मामला दर्ज कर के जांच स्टेट CID से करने का आदेश दिया। 3 फरवरी 2012 को इस मामले की जांच स्टेट CID के सुपुर्द कर दी गई जहां इस जांच पर एपीआई हरिभाऊ जाधव को नियुक्त किय गया। जांच के दौरान शिकायतकर्ता जैनब ने बताया कि उनकी आफिस में किस तरह से चोरी हुई और क्या क्या क्या चोरी हुआ। चोरी में उनके दो कबाट और कई अहम दस्तावेज़ जिसमें 4000 करोड़ का घपला करने वाली कंपनी सिटीलिंबोज़िन का दस्तावेज़ भी मौजूद थे।
इस दौरान आरोपी पुथेनवेदु जोसेफ़ ने सेशन कोर्ट में गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्ज़ी दाखिल की। स्टेट CID के अफसरों ने यहां MRA मार्ग पुलिस थाने की तर्ज़ पर आरोपी का साथ देना शुरु कर दिया और केस के जो गवाह थे उन्हें भी वरगलाना शुरु कर दिया। 3 नवंबर 2012 की शाम एपीआई हरिभाऊ जाधव ने 2 मज़दूरों को पूछाताछ के लिए बुलाया यह वह लोग थे जिन्हें चोरी करने वालों ने सामान निकालने के लिए बुलाया था। जैनब उसी दौरान स्टेट CID के दफ्तर ओल्ड कस्टम हाउस पहुंचीं। जहां पर दोनों लोगों ने यह बताया कि उन्होंने 21 अगस्त 2012 को उस आफिस से किसी ने सामान उतारने के लिए कहा है उन्होंने यह भी बताया कि एक कबाट भी उनकी इजाज़त के बाद उन्होंने अपने पास रख लिया है और उसे कफ परेड की झोपड़पट्टी में बेच दिया।
यह सुनते ही शिकायतकर्ता ने जांच अधिकारी हरिभाऊ जाधव को कबाट जब्त करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने न तो कबाट जब्त किया न तो किसी तरह का सहयोग किया। उसी दौरान दूसरे आफसर सुधीर खेरनार ने शिकायतकर्ता को एक लेटर देते हुए यह कहा कि यह जांच अब उनके हवाले की गई है। जिसपर शिकायतकर्ता ने कहा कि जांच किसी के भी हवाले हो चोरी का सामान तो जब्त करिए। खेरनार ने चोरी के कबाट को जब्त न करते हुए शिकायतकर्ता को जम कर खरी खोटी सुनाई। यह देखते हुए शिकायतकर्ता ने जांच अधिकारी एपीआई हरिभाऊ जाधव के खिलाफ़ वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर दी लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
दूसरे दिन शिकायतकर्ता ने एक मज़दूर के साथ कफ़ परेड के अंबेडकर नगर झोपडपट्टी के उस घर में पहुंचे जहां हमाल ने उनके कबाट बेचे थे उसके बाद उन्होंने स्थानी पुलिस थाने कफ़ परेड पहुंचे और उसे जब्त किया। जिस घर से कबाट बरामद किया गया उन्होंने अपने बयान में कहा कि उन्होंने यह कबाट इसी मज़दूर से खरीदा था। पुलिस ने देखा कि मज़दूर इस मामले में मुख्य गवाह है तो उसे खुद ही गायब कर दिया और 5 नंबर 2012 को स्टेट CID के यही दोनों अफसरों ने शिकायतकर्ता और उनके पती के ऊपर झूटा शिकायतकर्ता तय्यार कर के अपहरण का झूटा केस MRA मार्ग पुलिस थाने में दर्ज करवा दिया।
6 नंबर 2012 को जैनब ने तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर सदानंद दाते से लिखित रूप से शिकायत की उनके चोरी के केस में जो मज़दूर गवाह थे उसे MRA मार्ग पुलिस थाने और स्टेट CID कुछ भी नुकसान पहुंचा सकती है। वहां जाने के बाद उन्हें पता चला कि उनके ही ऊपर अपहरण का मामला दर्ज किया गया है।
लेकिन जैसे ही अपहरण के मामले की जांच करते हुए तत्कालीन एडिशनल सीपी कृष्ण प्रकाश ने शिकायतकर्ता दत्ता वालुंज से पूछताछ की तो पता चला कि उसे CID के अफसर हरिभाऊ जाधव ने ही उसे जबरन झूटा मामला दर्ज करवाने के लिए कहा है। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में यही बयान दिया कि उससे झूटा मामला दर्ज करने के लिए स्टेट CID के अफसरों ने कहा है। मामले को देख तत्कालीन एडिशनल सीपी कृष्ण प्रकाश ने अपहरण की इस जांच को डोंगरी पुलिस थाने ट्रांस्फर कर दिया जिसमें बाद में पुलिस ने 11 मार्च 2015 को समरी फाइल कर दी।
इस तरह से जैनब ने इन सारे मामलों को लेकर RTI के जरिए CID के द्वारा अपहरण के झूटे मामले के लिए CID के ज़रिए ही तय्यार किए गए शिकायतकर्ता दत्ता वालुंज के बयान की कापी 30 जनवरी 2017 को हासिल किया। जिसमें चोरी के सामान बेचने वाले मज़दूर के अपहरण को लेकर CID के ज़रिए गढ़ी गई कहानी और उनके ज़रिए शिकायतकर्ता दत्ता वालुंज को अपहरण के लिए झूटी शिकायत को लेकर बनाए दबाव का उल्लेख है। इस बयान की कापी हाथ लगने के बाद शिकायकर्ता जैनब ने MRA मार्ग पुलिस थाने में पुथेनवेदु जोसेफ़ , तत्कालीन CID अफसर एपीआई हरिभाऊ डी जाधव और पीआई सुधीर जी खेरनार के खिलाफ़ लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई लेकिन MRA मार्ग पुलिस ने किसी तरह का ध्यान इस लिए नहीं दिया कि इस मामले में स्टेट CID के अफसर खुद शामिल हैं। जिसके बाद ज़ोनल डीसीपी मनोज कुमार शर्मा के आदेश पर 9 नबंर 2017 को मुंबई के MRA मार्ग पुलिस थाने में मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया।
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